ऑटो ड्राइवर की बेटी प्रेमा जयकुमार बनी चार्टर अकाउंटन

काम करो तो ऐसा की एक पहचान बंजाये, हार कदम ऐसा चलो की निशान बन जाए, यह जिंदगी तो हर कोई काट लेता है, जिंदगी जिओ इस कदर की मिसाल बनजाए





 गरीबी से तंग आकर हर किसी को पढ़ाई छोड़ती देखा होगा अपने , लेकिन आज ये जानेंगे की सफलता गरीब अमीर देखकर नही बल्कि जिद देखकर अति हे 


उस दिन मुंबई के उत्तर पश्चिम में बसे एक उपनगर मलाड में ईस्ट के एस,बी खान चोल में पहले मजले से बेहत आवाजे आ रहे थे, वहा रहने वाली प्रेमा के एक फोटो के लिए मीडिया वाले के साथ आए कैमरामैन में धक्का मुक्की सी हो रही थी 

वहा रहने वाले जयकुमार पेरुल की 24 वर्ष की बेटी प्रेमा जयकुमार एक प्रसिद्ध व्यक्ति बन गई थी 

चार्टड अकाउंटेंट की अंतिम वर्ष की परीक्षा में उसने 800 में से 607 (75.8प्रतिशत) अंक प्राप्त करके पूरे भारत में टॉप किया था

उसने इस बात का शानदार उदहारण प्रस्तुत किया था, की कोई किस भी वर्ग का क्यू न हो, उसके पास अगर 'जीवन का एक लक्ष ' तो फिर परिश्रम से किस तरह उसके कदमों में सफलता लाकर रख देता है 

उसे एक रोल मॉडल की रुप में देखा जाने लगा था, उसने अपनी तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद जो सफलता हासिल की थी, और प्रसिद्धि का ओ सेहरा उसके सिर पर सजा गया था, उसे देखते हुए वहा सच में एक रोल मॉडल ही तो थी, 

अगर आपके अंदर वो जुनून है, मेहनत करने का साहस है तो हर काम आसान है धन्यवाद,,,

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